समस्त महाद्वीपों में कलीसिया तथा मिशन के अगुओं के साथ कई वर्षों तक विचार-विमर्श करने के बाद हमने पाँच मूलभूत स्तम्भों को चुना है जो यीशु महोत्सव 2033 की संरचना को परिभाषित करते हैं। ये तत्व स्पष्ट और आसान हैं और इन्हे दूसरी संस्कृतियों से जोड़ा जा सकता है।
एकता
अंतिम लक्ष्य एकता नहीं, बल्कि यह सन्देश है कि एकता पूरे संसार में प्रदर्शित हो। यह निर्विवाद प्रमाण कि हमारा विश्वास वास्तविक है इसे हमारी एकता के द्वारा ही प्रदर्शित किया जाता है। फिर भी हमारा उद्देश्य समस्त कलीसियाओं को किसी विशेष शिक्षा के साथ एक करना नहीं है, और किसी एक संस्था को दूसरी संस्था बदले बढ़ावा देना भी नहीं है। हम बहुसांस्कृतिक, बहुजातीय, बहुसम्प्रदायिक और विविध पीढ़ियों के साथ कार्य करने का प्रयास करते हैं।
ताकि वे एक हों।
जैसे आप, पिता, मुझ में हैं और मैं आप में हूँ, वे भी हममें होने पाएँ। ताकि संसार विश्वास कर सके कि आपने मुझे भेजा है।
यूहन्ना 17:21
महोत्सव
जिस प्रकार यहूदी-मसीही धार्मिक अनुभव के केंद्र में हमेशा भोज और उत्सव थे उसी प्रकार अन्य संस्कृतियों में भी उत्सव की परंपरा रही है। उत्सव और पर्व मानव समाज की विशेषता हैं। यीशु महोत्सव भी इस परंपरा का प्रदर्शन करता है और आनंदित, उल्लासमय, युवापन, कलात्मक और रचनात्मक बने रहने को प्रोत्साहित करता है। सत्य की सुंदरता की स्पष्ट अभिव्यक्ति संसार को स्वाभाविक रूप से आकर्षित करेगी ताकि वह आनंद और धन्यवाद के इस विश्वव्यापी प्रदर्शन को जान सके।
पृथ्वी के राज्य राज्य के लोगों, परमेश्वर के लिए गाओ; प्रभु यहोवा के लिए भजन गाओ।
भजन संहिता 68:32
गवाही
बाइबल में जितने लोग पुनरुत्थान के गवाह थे वो इतने प्रभावित हुए कि वे मिशनरी बन गए। 2000 साल बाद यह प्रभाव फिर से दिखाई देगा। ईस्टर महोत्सव उन लोगों के लिए एक विशेष ऐतिहासिक अवसर लेकर आएगा जो परमेश्वर के प्रेम को नहीं जानते। ये लोग हमारे अंदर पुनरुत्थान के समर्थ की गवाही दे पाएंगे।
परन्तु सम्पूर्ण पृथ्वी परमेश्वर की महिमा के ज्ञान से इस प्रकार भर जाएगी जिस प्रकार समुद्र में पानी भरा होता है।
हबक्कुक 2:14